देश में एक विचारधारा ऐसी भी चल रही है जो सब मर्यादाओं को भूल चुकी है. जिसने सबको यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि राजनैतिक क्षेत्र में क्या
देश में एक विचारधारा ऐसी भी चल रही है जो सब मर्यादाओं को भूल चुकी है. जिसने सबको यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि राजनैतिक क्षेत्र में क्या
अरसों बाद एक फिल्म आती है जो आपको उन सभी मुद्दों पर सवाल पूछने के लिए मजबूर करती है, जिस पर हमें बचपन से ही विश्वास करने के लिए सिखाया
लोकसभा चुनाव 2019 आरम्भ हो चुके है. हालांकि इसके नतीजे तो 23 मई को ही पता चलेंगे लेकिन इन डेढ़ महीनों में हम ओपिनियन पोल्स की बाढ़ देखेंगे. हर चैनल
देश के कुछ तथाकथित अर्थशास्त्रियों और बुद्धिजीवियों द्वारा समय समय पर यह कहा जाता रहा है कि इस देश की GDP का आंकड़ा असल में सच्चाई से बहुत दूर है.
लोकतंत्र में विभिन्न मुद्दों पर चर्चाएं होती हैं. यहां दूसरे की बातों को उतनी ही ध्यान से सुना जाता है जितने ध्यान से अपनी बातों को रखा जाता है. विचारों
ध्रुवीकरण तो होता ही है. पर कांग्रेस और लेफ्ट की पार्टियों द्वारा जिस तरह का ध्रुवीकरण किया जाता है उसकी कोई सीमा नहीं. दिल्ली के पांच वरिष्ठ नेताओं ने राहुल
बीजेपी पर हमेशा ही हर चुनाव के पहले ध्रुवीकरण का आरोप लगाया जाता है. भले ही हर सभा में विपक्षी पार्टियाँ खुलेआम मुस्लिम और ईसाइयों को भड़काऐं कि अगर आप
चुनाव में सेना का इस्तेमाल होने पर पूर्व सैनिकों की शिकायत की एक चिट्ठी सामने आई थी, जिस पर विवाद शुरू हो गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया
जब ज्ञान की धारा ज्ञानी के अंदर से प्रवाहित होती है तो उसको हम सहर्ष स्वीकार करते हैं. जब मूर्ख के मुख से निकलती है तो हम आश्चर्य में पड़ते
कांग्रेस की पार्टी मीटिंग में खाली कुर्सियों की फोटो खींच रहे फोटोग्राफर की पिटाई करने का वीडियो सामने आया है. घटना तमिलनाडु के विरुधनगर की है. आरोप है कि कांग्रेस