साध्वी प्रज्ञा के भोपाल से नामांकित होने के बाद से ही मीडिया और लिबरल समाज यह साबित करने में लगा है की बीजेपी ने अपना असली रूप दिखा दिया और
साध्वी प्रज्ञा के भोपाल से नामांकित होने के बाद से ही मीडिया और लिबरल समाज यह साबित करने में लगा है की बीजेपी ने अपना असली रूप दिखा दिया और
लोकतंत्र में विभिन्न मुद्दों पर चर्चाएं होती हैं. यहां दूसरे की बातों को उतनी ही ध्यान से सुना जाता है जितने ध्यान से अपनी बातों को रखा जाता है. विचारों
भाग 1 और भाग 2 से आगे शायद यह वह समय था जब मैंने दुनिया के लिए खुद को खोल दिया था. वेस्टर्न आइडियाज, वेस्टर्न हिस्ट्री, इंडियन माइथोलॉजी, इस्लामिक इतिहास
भाग 1 से आगे इससे पहले कि मैं अपनी दसवीं की पढ़ाई पूरी करता, मैंने अपने घर पर ही प्राथमिक (प्राथमिक ट्रेनिंग कैम्प) पूरी कर ली थी. मैं जल्द ही
बात तब की है जब मैं अपने इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में था. मैंने तब अपने आप को यह स्वतंत्रता दी कि मैं आगे क्या करूँ. मेरे परिवार में बहुत
श्रीराम जन्मोत्सव पर मंदिर जाना हुआ. प्रत्येक आयुवर्ग के लोग, राम के सानिध्य में प्रसन्न थे. मन्दिर में नियमित आने वालों का जैसे वृहद परिवार एकत्र हुआ हो. सब आपस
हिंदुत्व के आन्दोलन से जुड़े संगठनों और उनसे सहानुभूति रखने वाले राजनीतिक दलों पर यह आरोप अक्सर ही लगता है कि जिस वैभवकाल को ये वापस लाने की बात करते