कल ट्विटर पर साध्वी प्रज्ञा के शहीद हेमंत करकरे के लिए लगाए गए इलज़ाम के बाद आलोचनाओं से भर गया.बीजेपी समर्थक भी इस बयान से खुश नहीं थे.
पर एक ट्विटर यूसर ने एक थ्रेड में यह लिखा कि हेमन्त करकरे का कांग्रेस द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था. उन्होंने साध्वी पर गलत इल्ज़ाम लगाए और उन्हें फँसाया.
अमेरिकी इन्टेलीजेंस के अनुसार समझौता और मालेगांव ब्लास्ट लश्कर ए तैयबा के निर्देशों पे हुए थे. इसके बाद भी साध्वी प्रज्ञा पर इनका इल्ज़ाम लगाना केवल साज़िश ही है.
लश्कर को बचाने या हिन्दू आतंक का तानाबाना बुनने के लिए हेमन्त क् इस्तेमाल किया गया जिसके चलते शायद यह डर रहा होगा कि वह सारी बातों पर से कभी बाद में पर्दा न उठा दें. जिसके चलते एक रणनीति के तहत उन्हें 26/11 के दिन जान से हाथ धोना पड़ा.
महत्वपूर्ण बातें
● हेमंत का 26/11 से एक दिन पहले राणा अयूब ने साक्षात्कार लिया था (जैसा कि उन्होंने दावा किया था). शायद किसी को पता था ये समय निर्णायक है.
● करकरे ATS चीफ होने के बाद भी खुद पुलिस की टोली लेकर आतंकियों के खिलाफ युद्ध में उतरे. जबकि एक ATS को शायद अपनी ही जगह पर रहकर ट्रूप को संभालना चाहिए था.
● सबसे ज़्यादा महत्पूर्ण बात यह है कि जिन गोलियों से हेमन्त की मृत्यू हुई वो आतंकवादियों की गोली से मेल नहीं खा रही थी. हो सकता है कि मुठभेड़ में धुएं का फायदा उठाकर उन्हें अलग से मारा गया हो ताकि वो कभी भी हिन्दू आतंक की झूठी कहानी से पर्दा न उठा पाएं.
●26/11 के दिन दिग्विजय सिंह और करकरे की बातचीत हुई थी. इस बात के सबूत हैं, उन्होंने क्या बात की यह केवल वही जानते हैं.
● आखरी बात की करकरे की पत्नी कविता की मृत्यू एक हत्या थी न कि प्राकृतिक मृत्यू. हेमंत की पत्नी होने के नाते वह उनकी सबसे करीबी रही होंगी, और जो सकता है कि हाईकमान को डर हो कि कहीं वो इस बात से पर्दा न उठा दे कि हेमन्त का इस्तेमाल किस प्रोपेगण्डा के लिए किया गया.
रिपोर्ट के अनुसार कविता की मौत ब्रेन हैमरेज से हुई थी, क्योंकि उन्हें हाइपरटेंशन था. किसी को मारने के लिए उसे ब्रेन हैमरेज देना कोई मुश्किल कार्य नहीं. पहले भी ऐसी मृत्यू पर संशय ज़ाहिर किया गया है. CIA जैसे संगठनों पर ऐसा काम करने का इल्जाम लगाया जा चुका है.
अब सबसे हैरानी की बात : यह बताया गया था कि कविता की आंखें और किडनी डोनेट की गई. पर अगर उनका हाइपरटेंशन इतना बुरा था कि उन्हें इसके चलते ब्रेन हैमरेज हो गया तो जाहिर है कि उनके अंग ट्रांसप्लांट के लिए स्वस्थ नहीं होंगे.
अगर कसाब ज़िंदा नहीं पकड़े जाते तो हाथ में बंधे कलावे का इस्तेमाल हिन्दू आतंक का झूठ फैलाने के लिए किया जाता.
26/11 के दिन हेमन्त की दिग्विजय (26/11 RSS की साज़िश फेम) से बातचीत और एक दिन पहले राणा अयूब को साक्षात्कार शक पैदा करता ही है. शायद प्लानिंग यह थी कि करकरे को मारकर यह साबित किया जाएगा कि उन्होंने हिन्दू आतंकवाद का पर्दाफाश किया इसलिए उन्हें हिंदुओं ने मार गिराया.
#ConspiracyTheory #Thread
Hemant Karkare was Congress’ handled officer. He actually did actively, on the instructions of his handlers, framed false charges against Sadhvi Pragya and others.— Be’Havin! (@WrongDoc) April 19, 2019
कर्नल पुरोहित की पत्नी ने भी करकरे पर उन्हें प्रताड़ित करने के इल्ज़ाम लगाए थे. यह बात छुपी नहीं है की साध्वी प्रज्ञा को भी जेल में प्रताड़ित किया गया था. सुदर्शन टीवी द्वारा दिखाए गए एक वीडियो और उनके बहन के बयान के बाद यह बात साफ़ है. ऊपर दिए गए थ्रेड में लिखी गई सभी बातें आन रिकार्ड हैं. बाक़ी बिन्दू तो हमें ख़ुद ही मिलाने होंगे.
नोट : यह ट्विटर यूज़र द्वारा लिखें गाए ट्वीट्स का हिंदी में केवल अनुवाद है. इसकी सत्यता का आँकलन पाठक को ख़ुद करना होगा.