जहाँ एक तरफ़ देश भर में लोकसभा चुनाव के प्रचार में राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पार्टियाँ देसी कलाकरों को कैम्पेनिंग के लिए बुलाती हैं . वहीं पश्चिम बंगाल में रविवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने प्रचार के दौरान बांग्लादेशी कलाकार फिरदौस को रायगंज में प्रचार के लिए बुला लिया. ज़मीनी स्तर से जुड़ने के लिए पार्टियाँ कई बार लोगों के पसंदीदा गायकों, नायकों को बुलाती रहती हैं.
उत्तर दीनाजपुर जिला स्थित रायगंज से कन्हैया लाल अग्रवाल, टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. एक न्यूज़ एजेन्सी के हवाले से यह जानकारी मिली कि एजेंट मुशर्रफ हुसैन ने कहा कि ‘फिरदौस बांग्लादेश में प्रसिद्ध कलाकार हैं और हमने उनसे रोड शो में हिस्सा लेने के लिये कहा था. वह मान गए.’हुसैन ने कहा कि रायगंज और हेमताबाद की रैली में फिरदौर के साथ-साथ टॉलीवुड एक्टर पायल सरकार और अंकुश भी शामिल हुए. 15 अप्रैल को वह करनदिघि और इस्लामपुर में प्रचार करेंगे. रविवार को रैली का रिस्पॉंस बहुत अच्छा था. सोमवार को भी हमें ऐसी ही उम्मीद है.’
भारतीय जनता को रिझाने के लिए तो कभी किसी पार्टी ने पाकिस्तानी या हॉलीवुड के कलाकार को भी नहीं बुलाया. फिर कलकत्ता में बांग्लादेशी कलाकार को क्या बांग्लादेश से आए वोटरों को लुभाने के लिए बुलाया गया था? बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा- भारतीय राजनीतिक दल कैसे एक विदेशी नागरिकता वाले शख्स (फिरदौस) को अपने राजनीतिक रोड शो के लिए बुला सकता है. मैंने इससे पहले ऐसा कभी नहीं सुना था.
ऐसा लगता है कि पार्टी के लिए कोई भारतीय कलाकार नहीं मिला था. कल बनर्जी, (ममता बनर्जी) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को TMC का प्रचार करने के लिए बुला लेंगी. भारतीय लोकतंत्र के महापर्व में हम एक बांग्लादेशी फिल्म स्टार का शामिल होने की हम निंदा करते है.’
क्या यह TMC की तरफ़ से एक क़बूलनामा है कि उनके वोटर बेस में बांग्लादेश से आए लोग भी शामिल हैं? क्या यही वजह है कि TMC एवं अन्य लेफ़्ट पार्टियाँ NRC का विरोध करती रहती हैं क्यूँकि उनका सबसे बड़ा वोटबैंक देश में अवैध तरीक़े से बसे बांग्लादेश और म्यांमार से आए मुसलमान हैं? क़यास यह भी लगाया जा सकता है कि वोटर बेस बढ़ाने के लिए यह पार्टियाँ इन अवैध नागरिकों को वोटर ID देती हो या फिर इन्हें गपछप तरीक़े से देश में लाने में मदद करती हो.