चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘PM Narendra Modi’ के प्रोड्यूसर्स को नोटिस थमा दिया है. 2019 के लोकसभा चुनावों को मद्देनजर रखते हुए यह कदम उठाया गया है. इस पर कांग्रेस और सीपीएम का कहना है कि यह फ़िल्म चुनाव में फायदा उठाने के लिए रिलीज़ की जा रही है.
इलेक्शन कमीशन ने चार अखबारों को भी नोटिस भेजा है. इन सबके पीछे बीजेपी के नेता दुखी होने के बजाय खुश हो रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने लोपक टीम को बताया कि चुनाव आयोग ने जो यह फैसला लिया है, वह एकदम सही लिया है. आचार संहिता का उल्लंघन कतई नहीं किया जाना चाहिए, मैं कांग्रेस और सीपीएम के नेताओं का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने चुनाव आयोग का ध्यान इस ओर खींचा. इस बयान के बाद हमने थोड़ी और जांच-पड़ताल की और फ़िल्म का ट्रेलर देखने के बाद पूरी बात साफ हो गई.
बीजेपी के कुछ नेताओं ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जब फ़िल्म का ट्रेलर आया, हम सभी तभी असमंजस में थे कि क्या करें, इतनी बुरी फ़िल्म देखने के बाद जनता कहीं गुस्से में मोदी लहर का रुख न मोड़ दे. पर यदि भाजपा इसे रोकने की मांग करती तो ये अवार्ड वापसी गैंग अभिव्यक्ति की आज़ादी का रोना लेकर बैठ जाते. इसलिए अच्छा ही हुआ कि चुनाव आयोग और विपक्षी नेताओं ने इसे रोकने की मांग की.
इस खबर के बाहर आने के बाद कांग्रेस के नेताओं को मलाल हो रहा है कि फ़िल्म का ट्रेलर नहीं रुकवाना था. हो सकता है इसके चलते ही भाजपा 10-15 सीटें हार जाती. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी इस फ़िल्म में मोदी का रोल विवेक ओबेरॉय कर रहे हैं. फ़िल्म के ट्रेलर के बाद बीजेपी समर्थक भी नाराज़ हैं. उनका कहना है कि इससे बेहतर तो ये फ़िल्म न ही बनाते. और यदि बनाना ही थो तो थोड़ी ढंग की बनाते.