कांग्रेस के महिला सशक्तिकरण के दावे की पोल खोलते हुए टीवी डिबेट में छाई रहने वालीं कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर अपनी पार्टी में ‘अराजक तत्वों’ को तवज्जो देने पर नाराज़गी जताई थी. इस पर उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि पार्टी ख़ून-पसीना देने वाले लोगों की जगह बदमाशों को प्राथमिकता देती है, इससे मुझे गहरा दुख हुआ है.
उन्होंने लिखा भी लिखा कि पार्टी के लिए गाली-पत्थर सबका सामना करती हैं लेकिन पार्टी के अंदर उन्हें धमकाने वालों को मामूली सज़ा भी न होना दुर्भाग्यपूर्ण है. दूसरी पार्टी की महिलाओं पर तो लांछन लगाने की घटनाएं चुनावी मौसम में बहुत होती हैं लेकिन प्रियंका चतुर्वेदी के साथ तो उनके ही पार्टी के नेताओं ने बदतमीजी की और उन्हें माफी भी मिल गई. हैरानी तो इस बात की है कि माफी देने वाला शख्स कोई और नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं जो न तो किसी राष्ट्रीय पद पर हैं ना ही अध्यक्ष हैं.
असल मामला क्या ?
मथुरा में राफेल मुद्दे को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जहां उनके साथ पार्टी के कुछ सदस्यों द्वारा दुर्व्यवहार किया गया. प्रियंका ने इसकी शिकायत की तो उन नेताओं पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया पर ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा हस्तक्षेप किये जाने पर पार्टी ने अपनी कार्रवाई को पलटते हुए इन सभी नेताओं की बहाली कर दी और पार्टी में वापस शामिल कर लिया. इसी पर अब प्रियंका चतुर्वेदी नाराज़ हो गई और उन्होंने पार्टी के इस फैसले पर आपत्ति जताई थी
आज उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया है. उन्होंने ब्लॉगिंग साइट ट्वीटर से भी प्रवक्ता की भूमिका को हटा दिया.
राहुल गांधी को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा है कि पार्टी की विचारधारा और राहुल गांधी के सबको साथ लेकर चलने कि विचार ने उन्हें प्रभावित किया था और इसलिए 10 साल पहले वह पार्टी में शामिल हुईं। प्रियंका ने आगे लिखा, ‘मैं बहुत भरे दिल के साथ आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रही हूं. पिछले 10 सालों में पार्टी की तरफ से मुझे कई जिम्मेदारी मिली और निजी स्तर पर मैंने बहुत कुछ सीखा. हालांकि, कुछ समय से ऐसा लग रहा था कि पार्टी में मेरे काम की अब कोई कद्र नहीं रही है. मुझे ऐसा लगने लगा कि संगठन के लिए मैं जितना वक्त और बिताऊंगी वह मेरे सम्मान और गरिमा से समझौता होगा. पार्टी महिला सशक्तीकरण और महिलाओं के अधिकार की वकालत करती है, लेकिन यह यह देखना दुखद है कि पार्टी ने उस विचारधारा पर काम नहीं किया. मथुरा में पार्टी के कार्यक्रम में हुए दुर्व्यवहार के बाद भी मेरे सम्मान के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं की गई। यह मेरे लिए आखिरी इशारा था कि अब वक्त आ गया है कि मुझे कांग्रेस से बाहर निकलकर दूसरे क्षेत्रों पर अपना ध्यान देेन चाहिए.
मीडिया के हवाले से यह भी खबर आ रही है कि प्रियंका अब शिव सेना की सदस्यता लेंगी. ज्ञात हो कि प्रियंका ने कई बार स्मृति ईरानी और बीजेपी समर्थक महिलाओं पर तीखे तंज कसे हैं.
कुछ ही दिनों पहले उन्होने प्रेस कांफ्रेंस कर यही नहीं जब बीजेपी की महिला नेताओं का मखौल उड़ाया गया तब उन्होंने कभी भी इसका विरोध नहीं किया. शिव सेना की कई बार खुलेआम आलोचना कर चुकी प्रियंका अब शिवसेना में कैसी भूमिका निभाएंगी यह देखना रोमांचक होगा.